Saturday 9 June 2012

इंतजार..21

अश्कों के दामन में मेरी रातें अब सोती  है ,
तुम आये थे तुम आवोगे ये सोच अब सुबह है ! 
  
मिलता  है  अब हर कोई  एक  नसीहत  क़ी तरह  ,
तेरे  जाने  के बाद ,अब  कहाँ वेसी सूबह, और वेसी शाम होती है !

उसी जगह करते हुए  इंतजार तुमहारा ,
किस सफाई से  तुमने थामा था  हाथ ,ये याद करते हैं !

2 comments:

  1. Nice,, Bahut sundar likha hai aapne... Isi tarah likhti rahiye aur post karti rahiye.. Dhanyawaad...

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