Friday 17 February 2012

कुछ मत कहना ...2

चाँद सा चेहरा मत कहना ,
न जुल्फों  को शाम कहो  
कर सकते हो  तो,
बस इतना कहना ,
अपनों  का जब  नाम गिनो ,
उनमें मेरा भी नाम  धरो !
आँख  हिरन  सी  मत कहना,
 न होठ को गुलाब कहो!
कर सको तो बस इतना करना ,
कुछ उमीद पर मेरे खरे उतरो !
चूड़ियों की खनक मत सुनना ,
ना पाजेब का ही कोई हिसाब करो !
जो कर सको तो बस इतना करना 
मेरे लिए अपना मन,
तुम साफ रखो .....
  


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