Saturday 18 February 2012

शब्द....... 3

बोलते  शब्द !
सुनते शब्द !
जज्बातों के समंदर शब्द !
चिठियों में खुशियों के शब्द!
वसीयत में हैं लड़ते शब्द,
मन में लिखे सुनहरे शब्द,
बाजारों में बिकते शब्द,
बंद किताबों में परे निशब्द !
पढ़ ले तो सार्थक 
वरना शांत निरर्थक शब्द !
उलझते शब्द बिगारते शब्द
स्पर्सों के स्परसी शब्द,
होठों पर खेलते किलकते शब्द ,
दिल पर लिखे सुनहरे शब्द,
गीत कोई गुनगुनाते शब्द,
सुर के संकेत चुप से कह देते !
अख़बारों में आते जाते शब्द,
समझ ले तो सार्थक ,
वरना  शांत निर्थक शब्द  !
शब्दहिन्   शब्दों की सीमा शब्द,
श्ताभ्द  भी निह्शाबाद  भी !
शब्द ही !शब्द ही !शब्द ......

 


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